Monday, September 26, 2011

बेचारी

साईकिल के पीछे
केरियर पर लदी
स्त्री के मुँह से
एकाएक निकल पड़ा
कोई सीधा – साधा
मासूम सा प्रश्न
चालक जो उसका
पति परमेश्वर भी है
तिलमिलाया
अपनी बुज़ुर्ग साइकिल
के पाँवों में
“खच” से ब्रेक लगाया
आव देखा न ताव
चिड़िया सी भोली
स्त्री के
गाल पर
रसीद कर दी
तड़ाक से एक थप्पड़
स्त्री
मोटे – मोटे
ऑसूओं के पार
नीले आसमान को ताकते हुये
कुछ बुदबुदाई

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